मन की बात : पर्यावरण से जुड़ना और उसे महत्व देना है सभी का कर्तव्य - PM मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात में लोगों को रेडियो प्रसारण के माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। रमजान का पवित्र माह प्रारंभ हो गया है। रमजान के पवित्र माह में सभी को हार्दिक शुभकामनाऐं। इस माह में प्रेयर, स्प्रेच्युलिटी महत्वपूर्ण है। हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि दुनिया के सभी संप्रदाय भारत में मौजूद हैं। ईश्वर को नकारने वाले और आस्था रखने वाले। मूर्ति पूजा को मानने वाले और इसे नकारने वाले लोग भी हैं। सभी शांति, एकता और सद्भाव का संदेश देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने लोगों को कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ नया करने को कहा था। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता हो रही है कि बहुत से लोगों ने मुझे फीडबैक दिया।

उन्होंने कहा कि लोगों ने कुछ नया सीखने की बात कही है। कुछ लोग कविताऐं लिख रहे हैं, कुछ ने ड्रामा सीखना प्रारंभ किया है। उन्होंने दीक्षा की सलाह को सुनाते हुए कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि युवा पीढ़ी महापुरूषों को जानने में लगी है। आजादी के आंदोलन में जिन महापुरूषों ने योगदान दिया था उन्होंने लेखन में योगदान दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज वीरसावरकर की जन्मतिथि है। वीरसावरकर कविताऐं लिखा करते थे। कोट लिखा करते थे। मुझे सेलुलर जेल देखने की प्रेरणा एक किताब से मिली थी। उन्होंने कहा कि अंडमान निकोबार की सेलुलर जेल में हर पीढ़ी हर प्रांत और हर भाषा के लोगों ने यातनाऐं झेली थीं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को जानना चाहिए कि आखिर आजादी के लिए लोगों की कितनी यातनाऐं झेली थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बार यूएन ने इसका विषय दिया है कनेक्टिंग पिपुल विथ नेचर। इसका अर्थ है खुद से जुड़ना। महात्मा गांधी ने कई बार कहा है कि हम जो दुनिया नहीं देखते हैं हमारा कर्तव्य है कि हम उसका रखरखाव करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था कि जिन पंच महाभूतों से हमारा शरीर बना है जब उससे संपर्क होता है तो हमारे शरीर में नई उर्जा पैदा होती है मगर हम उसे एक सूत्र में नहीं जोड़ते हैं। जब कभी भी हम प्रकृति से संपर्क करते हैं हममें नई चेतना जागृत होती है। वेदों में पृथ्वी व पर्यावरण को महत्व दिया गया है।

अथर्ववेद पर्यावरण का दिशा निर्देशक ग्रंथ है। हमारे यहां कहा गया है कि माता भूमि पुत्रोअहम्। वेदों में कहा गया है कि भूमि माता है और मैं इसका पुत्र हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें वर्षा ऋतु में पर्यावरण के लिए आवश्यक कार्य करने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व योग दिवस 21 जून को लेकर कहा कि बहुत ही कम समय में यह दिन लोगों को जोड़ रहा है। विश्व को भारत की बहुत बड़ी देन है। योग के द्वारा हम विश्व को एकसूत्र में जोड़ सकते हैं। जीवनशैली के कारण और आपाधापी के कारण हम तनावपूर्ण जीवन जी रहे हैं। तनावमुक्त जीवन जीने के लिए योग बहुत महत्वपूर्ण है योग केवल व्यायाम ही नहीं है। यह एक अंर्तयात्रा है। इसका अनुभव हमें करना है। यह सब योग के मध्यम से संभव है।

उन्होंने कहा कि तीनों पीढ़ी यदि एक साथ योग करे और उसकी तस्वीर प्रेषित करे तो यह बहुत ही रोकच होगा। तीन पीढ़ी की योगा करते हुए तस्वीर देश और दुनिया के बीच जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं योग को लेकर लगातार पोस्ट करूंगा। आप भी तीन सप्ताह तक योग को प्रसारित करिए। कार्यक्रम में नैना के संदेश को भी सुनाया गया जिसमें स्वच्छता जागरूकता की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा और आपके द्वारा प्रारंभ किए गए स्वच्छता अभियान के कारण लोगों में जागरूकता आई है अब लोग साफ सफाई बरतने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सफाई अभियान बन जाए।

जो कूड़ा कचरा है उसे हम केवल गारवेज और वेस्ट के तौर पर न मानें। इसे वेल्थ मानें और ऐसा करेंगे तो नए नए बिज़नेस हमारे सामने आऐंगे। भारत सरकार ने राज्य और शहरों के जनप्रतिनिधियों की मदद के साथ वेस्ट मैनेजमेंट पर कार्य किया है। उन्होंने जानकारी दी कि साॅलिड और लिक्विड वेस्ट को लेकर दो प्रकार के कूड़ेदान हमें मिलेंगे जो कि ग्रीन और ब्ल्यू कलर में होंगे। उन्होंने कहा कि मुंबई का वर्सोवा बीच आज साफ सुथरा बीच बन गया है।

यह एक दिन में नहीं हुआ है। यहां से हजारों टन कूड़ा कचरा निकाला गया। उन्होंने अफरोज शाह की सराहना की और कहा कि उन्होंने पहल की और उन्हें इस आंदोलन के लिए धाई है। उन्हें यूनाईटेड नेशन्स ने सराहा है। उन्होंने रियासी ब्लाॅक की सराहना करते हुए कहा कि यह भी साफ सफाई के मामले में बेहतर हुआ है। जम्मू कश्मीर के इस ब्लाॅक के लोगों को मैं बधाई देना चाहता हूं। उन्होंने सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल को लेकर जानकारी दी और कहा कि हर कसौटी पर इस तीन वर्ष के कार्यकाल पर कसा गया है। उन्होंने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि हमारे कार्य की जिन लोगों ने गहराई से विवेचना की उन्हें धन्यवाद देता हूं। जिन लोगों ने क्रिटिकल और इंपोर्टेंट बातें कही हैं उन्हें भी मैं धन्यवाद देता हूं।

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