अम्बेडकर सिर्फ दलितों के नहीं बल्कि वो हर पीड़ित की आवाज थे

नई दिल्ली : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में उपस्थितों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत रत्न बाबा साहेब डाॅ. अम्बेडकर के योगदान को याद किया। उन्होंने डॉ. बीआर अम्बेडकर नेशनल मेमोरियल का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2018 तक शिलान्यास कार्य को स्मारक में बदल देगी। यह कार्य इस अवधि तक पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा की जाने वाली इस घोषणा के ही साथ सभागार भारत माता की जय के जयकारे से गूंज गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्मारक का शिलान्यास करते हुए कहा कि बाबा साहेब को दलितों का मसीहा बनाकर सीमित कर दिया गया। उनके साथ हमने अन्याय किया। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं को लांघकर उनके योगदान को देखना चाहिए। वो हर समाज के नेता थे। वो हर पीड़ित की आवाज थे। 

उन्होंने कहा कि संविधान से हमें बहुत कुछ मिला है वह महापुरूषों की देन है। इनमें दो महापुरूषों को नहीं भूलाया जा सकता है। जिसमें से एक हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल और दूसरे बाबा साहेब अम्बेडकर। यह देश राजे - रजवाड़ों में बिखरा हुआ था मगर सरदार वल्लभ भाई पटेल ऐसे नेता थे जिन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोया था। उनका कहना था कि भव्य भारत माता का निर्माण सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रयासों से ही हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाबा साहेब अम्बेडकर के कारण सामाजिक बदलाव आए और सामाजिक निर्माण का बीड़ा भी उन्होंने ही किया था। जो सपना बाबा साहेब ने उठाया था उसकी पूर्ति का प्रयास सरकार कर रही है। 

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