मोदी ने मंत्रियों को दी असहिष्णुता के मसले से दूर रहने की सलाह

नई दिल्ली : लगता है केंद्र सरकार देश में काफी कूटनीति से राजनीति करने में लगी है। पहले सरकार ने बीफ मसलों पर और अन्य विवादों पर अपना हाथ पीछे खींचकर यह जताया कि सरकार विकास के कार्य में लगी है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को सलाह दी है कि वे असहिष्णुता के मसले पर न पड़ें बल्कि विकास कार्यों और विकास के एजेंडे पर कायम रहें। इस मसले पर केंद्रीय शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई।

जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रियों को विकास का लक्ष्य साधने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि सरकार केवल विकास के एजेंडे पर ध्यान दे और विकास ही एकमात्र लक्ष्य रखा जाए। मंत्रियों को इस बात से कोई सरोकार नहीं होना चाहिए कि बुद्धिजीवि स्टूडियो में बैठकर क्या बोल रहा है। 

मिली जानकारी के अनुसार कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा है कि पूरे विश्व में असहिष्णुता का माहौल है। मगर किसी को भी देश के विकास को प्रभावित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व में ही असहिष्णुता है। मगर यह कुछ सीमा तक ही है। 

दरअसल कुछ लोग देश की छवि को प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे लोगों को अहसास होना चाहिए कि वे देश के विकास में परेशानी पैदा कर रहे हैं। एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य विकास की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। विकास को इस तरह के अन्य फैक्टर्स प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में सरकार में शामिल मंत्री केवल विकास के एजेंडे को लक्ष्यगत रखें। जब सम्मान लौटाकर विरोध किया जाता है तो इसका उद्देश् सरकार को विकास के मसले से हटाना होता है। 

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