SCO समिट में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर किया कड़ा प्रहार, सुनते रह गए जिनपिंग और शाहबाज़ शरीफ

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर बैठक की डिजिटली मेजबानी करते हुए सभी पड़ोसी मुल्कों के साथ बेहतर सहयोग और समन्वय का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 'हम SCO को एक विस्तारित पड़ोस के रूप में नहीं, बल्कि एक विस्तारित परिवार के रूप में देखते हैं।' उन्होंने कहा कि, 'सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, और पर्यावरण संरक्षण SCO के लिए हमारे दृष्टिकोण के स्तंभ हैं।'

पीएम मोदी ने कहा, 'सुरक्षा, विकास, संप्रभुता का सम्मान' हमारी अध्यक्षता की थीम है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर शी जिनपिंग और पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की उपस्थिति में आतंकवाद को बढ़ावा देने और पनाह देने सहित विस्तारवाद की खुली आलोचना की और स्पष्ट कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि, 'कुछ देश CROSS-BORDER TERRORISM को अपनी नीतियों के INSTRUMENT के तौर पर उपयोग करते हैं। आतंकवादियों को शरण देते हैं। SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में जरा सा भी संकोच नहीं करना चाहिए।' 

प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'आतंकवाद क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कार्रवाई जरूरी है। आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़नी होगी।' पीएम मोदी ने  आगे कहा कि, 'हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के तौर पर हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हैं? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में समर्थ हैं? क्या SCO एक ऐसा संगठन बन रहा है जो भविष्य के लिए पूर्णतः तैयार हो?

उन्होंने आगे कहा कि, 'SCO के अध्यक्ष के तौर पर भारत ने हमारे बहुआयामी सहयोग को नई उचाईयों तक ले जाने के लिए निरंतर कोशिशें की हैं। इन सभी कोशिशों को हमने दो सिद्धांतों पर आधारित किया है। पहला- 'वसुधैव कुटुंबकम' यानी पूरा विश्व एक परिवार है। ये सिद्धांत प्राचीनकाल से हमारे सामाजिक आचरण का अभिन्न हिस्सा रहा है और आधुनिक वक़्त में ये हमारी प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है। दूसरा- SECURE यानी security, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण।'

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि, 'भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण रिश्ते रहे हैं। बीते दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अपना योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय मदद भेजते रहे हैं।' उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या Extremist विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल न की जाए।

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