एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु को प्रसन्न

सनातन धर्म में एकादशी का बहुत ज्यादा महत्व होता है। प्रत्येक माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में एवं एक शुक्ल पक्ष में। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन विधि- विधान से प्रभु श्री विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। एकादशी तिथि प्रारंभ 6 मार्च को प्रातः 6 बजकर 30 मिनट से होगा जो कि 7 मार्च को प्रातः 04 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। गृहस्थजन 6 मार्च को और संतजन 7 मार्च को जया एकादशी का व्रत रखेंगे। एकादशी तिथि प्रभु श्री विष्णु को समर्पित होती है।

एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति पुष्प नारियल सुपारी फल लौंग धूप दीप घी पंचामृत अक्षत तुलसी दल चंदन मिष्ठान

पूजा- विधि-   प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। प्रभु श्री विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। प्रभु श्री विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। यदि संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का खास ध्यान रखें कि भगवान को केवल सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। प्रभु श्री विष्णु के भोग में तुलसी को अवश्य सम्मिलित करें। ऐसा कहा जाता है कि बिना तुलसी के प्रभु श्री विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन प्रभु श्री विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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