पितृ पक्ष में अगर आपके घर बार-बार आ रही है बिल्ली तो समझ जाइए यह संकेत

दुनियाभर में कई जानवर हैं और जानवरों को लेकर शकुन और अपशकुन के बारे में कहते हैं और पता लगाया जाता है. वैसे हम सभी रास्त में जाते हुए कभी बिल्ली तो कभी कुत्ता तो कभी गाय देख ही लेते हैं जिनमे से कुछ को हम शुभ मानते हैं लेकिन कुछ को अशुभ. ऐसे में अगर सुबह-सुबह कोई भी जानवर दिख जाता है तो वो इसे अपशगुन माना जाता है लेकिन कुछ स्थितियों में ये बातें सच साबित होती हैं और कुछ में नहीं. वहीं पितृ पक्ष में कुछ जानवरों का दिखना अच्छा संकेत नहीं माना जाता. जी हाँ, इस समय पितृ पक्ष चल रहा है और इस दौरान बिल्ली को देखना अशुभ माना जाता है. कहते हैं अगर पितृ पक्ष में किसी के घर में काली बिल्ली आती है या घर के सदस्यों को रोज़ाना काली रंग की या अन्य किसी रंग की बिल्ली दिखती है तो इसका मतलब होता है कि भविष्य में आपके साथ कोई दुर्घटना होने वाली है. आज हम आपको बताते हैं इससे बचने के लिए उपाय.

उपाय - कहते हैं बिल्ली का पितरों से संबंध माना जाता है और ये अपनी किसी अधूरी इच्छा को पूरी करने के लिए अपने वंशजों के इर्द गिर्द घुमकर संकेत देने का प्रयास करती नज़र आती है. इसी के साथ अगर किसी के घर में बार-बार बिल्ली का आना, रोज़ रोज़ दिखाई देना, घर के आंगन या छत पर बिल्ली का रोना, लड़ाई करने आदि जैसा कुछ घट रहा हो तो इसके अशुभ प्रभावों से बचने के लिए पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन यह उपाय कर सकते हैं. इसके लिए आप अपने ज्ञात अज्ञात पूर्वजों की शांति व तृप्ति के लिए सर्वपितृ अमावस्या के दिन घर या किसी नदी, तालाब में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके शुद्ध जल में काले तिल मिलाकर स्वयं या किसी अनुभवी ब्राह्मण से तर्पण करें या करवा सकते हैं क्योंकि ऐसा कहा जाता है तर्पण करते वक्त पितरों से बाधा से मुक्त होने की प्रार्थना करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती है.

कहते हैं मोक्ष दिलवाने वाली इस अमावस्या के दिन सुबह 5 से 6 बजे के बीच एवं शाम को भी 6 बजे से 7 बजे के बीच किसी प्राचीन पीपल के पेड़ पर शक्कर मिला मीठा जल चढाएं एवं आटे के बने दो बत्ती वाले दो दीपक भी जलाना चाहिए. कहते हैं इन उपायों को करने के बाद बिल्ली के कारण होने वाले अशुभ परिणामों का प्रभाव खत्म हो जाता है.

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