तिरुवनंतपुरम: बुधवार को केरल के 22वें मुख्यमंत्री के तौर पर पिनराई विजयन ने शपथ ग्रहण किया। तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में राज्यपाल पी सदाशिवम ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उऩके साथ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के 19 विधायकों ने भी शपथ ग्रहण किया। इस मंत्रिमंडल में लगभग सभी मंत्री या तो युवा है या फिर पहली बार चुनकर आए है। इनमें सीपीआई के भी चार मंत्री है। कहा जा रहा है कि वाम मोर्चा ने बुजुर्गो की बजाए युवाओं को तरजीह देने को कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंद पर विजयन को तरजीह देने के पीछे भी यही कारण है। हालांकि वाम दल ने इस चुनाव को अच्युतानंदन के चेहरे को आगे रखकर लड़ा था, लेकिन पूर्ण बहुमत आने के बाद विजयन को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला लिया गया। हालांकि मीडिया रिपोर्टों में 92 वर्षीय अच्युतानंदन इस फ़ैसले से ख़ुश नहीं बताए जा रहे है। विजयन ने कन्नूर जिले के धर्मडम सीट से चुनाव लड़ा था। विजयन उत्तरी केरल के कन्नूर ज़िले के एक ग़रीब परिवार से तालुक्क रखते है। उन्होंने एक हैंडलूम फैक्ट्री में मज़दूरी की और साथ में पढ़ाई करते हुए सीपीएम के छात्र संगठन एसएफ़आई के लिए काम किया। धीरे-धीरे प्रादेशिक और केंद्रीय नेतृत्व में उनका क़द बढ़ता गया और वो पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य बन गए और राज्य में पार्टी सेक्रेटरी भी रहे। वो 1970, 1977 और 1991 में भी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं और वो राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।