आदिवासी एरिया को अलग देश बनाने के लिए कर रहे थे मीटिंग

नईदिल्ली। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कोल्हान मंडल को पृथक देश घोषित करने की मांग की गई। इसे लेकर, कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मगर पुलिस ने कार्यक्रम का रोक दिया और यहां मौजूद लगभग 45 लोगों को राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाकर, पकड़ लिया गया। हालात बेकाबू होने और तनावपूर्ण होने पर समूचे क्षेत्र में कफ्र्यू लग गया। झारखंड के 3 जिलों को अलग - अलग देश घोषित करने की तैयारी की गई थी।

अलग देश की मांग करने वाले कार्यक्रम का नेतृत्व रिटायर्ड ब्लाॅक डेवलपमेंट आॅफिसर बीडीओ द्वारा किया गया था। बताया गया है कि, रिटायर्ड बीडीओ, रामो बिरूवा उक्त मंडल को पृथक देश घोषित करने की तैयारी में था। 80 वर्ष का रामो बिरूवा पुलिस के पहुंचने से पूर्व ही भाग निकला। गौरतलब है कि, कोल्हन एक आदिवासी क्षेत्र है। वह स्वयं को पूरे देश से अलग मानता है।

कोल्हान सरकार ने एस्टेट निर्मित किया है जिसमें वे भारतीय कानून से अधिक प्राचीन कानून को मान्यता प्रदान करते हैं। रामो बिरूवा को इसे लेकर जानकारी मिली तो आदिवासियों से संपर्क साधा गया। बरूवा ने वर्ष 1995 में अंग्रेजी सरकार को पत्र लिखकर कोल्हन के बारे में बताया था। जिसके बाद अंग्रेजी सरकार ने बरूवा को कोल्हन गवर्नमेंट एस्टेट का संरक्षक घोषित कर दिया था। बिरूवा ने स्वयं को इस क्षेत्र का राजा घोषित कर दिया था। वह इस क्षेत्र को एक अलग देश बनाना चाहता था। वह आदिवासियों को अलग देश बनाने के लिए संगठित करने लगा।

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