लोग हमें गंदी नजरो से देखते है..

देश में इस समय सब पर IPL में का रंग चढ़ा हुआ है. यह IPL का आठवां संस्करण है. भारत में IPL जब से शुरू हुआ तब से चीयरलीडर का कल्चर भी भारत में शुरू हुआ. देश के लोग IPL के जरिये ही पहली बार चीयरलीडर से रूबरू हुए. चीयरलीडर चौके, छक्के या विकेट पर नाचकर दर्शको का मनोरंजन करती है. लेकिन कई बार ये विवादों में फस जाती है. वैसे भारत में चीयरलीडर को अच्छी नजरो से नहीं देखा जाता है. यह कहना है IPL में दर्शको का मनोरंजन करने वाली एक चीयरलीडर का. नाम न बताने की शर्त पर चीयरलीडर ने बताया कि भारत में चीयरलीडर्स को बुरी नजरों से देखा जाता है.

चीयरलीडर्स के अनुसार मैच के दौरान नाचते समय लोग उन्हें गंदी नजरो से देखते है और उन्हें यह अच्छा नहीं लगता. इसके अलावा चीयरलीडर्स ने यह भी कहा कि अधिकतर टीम चीयरलीडर्स के लिए विदेशी लड़कियों को लेती है, जब कि भारतीय लड़कियों को चीयरलीडर्स बनाना चाहिए. चीयरलीडर्स के बाजारू समझने वाले सवाल पर इस चीयरलीडर्स ने कहा कि सभी चीयरलीडर्स बाजारू नहीं होती है. उनमें से अधिकांश सम्मानित महिलाएं हो और मुझे ख़ुशी है कि मैं ऐसी किसी गंदी लड़की से साथ काम नहीं कर रही हूं.

चीयरलीडर्स के अनुसार नर्स, लाइब्रेरियन्स जैसी महिलाए भी IPL में चीयरलीडर्स बनकर आती है. जब आईपीएल नहीं चल रहा होता है तो मैं बॉलीवुड से जुड़े काम करती हूं. इसके अलावा जब चीयरलीडर्स से पूछा जाता है कि क्या आप यह प्रार्थना करती हैं कि आपकी टीम के बल्लेबाज जल्दी-जल्दी आउट हो जाएं, ताकि आपको ज्यादा नाचना न पड़े. इस पर चीयरलीडर्स ने कहा कि ऐसा नहीं है, हमें हमारी टीम को जीतते हुए देखना अच्छा लगता है.

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