पठानकोट हमले में शहीद हुए कर्नल निरंजन का उनके गांव में हुआ अंतिम संस्कार

नई दिल्ली : पठानकोट हमले में शहीद हुए एनएसजी के जवान लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन ई कुमार को केरल में आखिरी विदाई दी गई। मंगलवार को उनके गांव पलक्कड़ में कर्नल निरंजन का अंतिम संस्कार किया गया। कर्नल की मौत एयरबेस पर एक आतंकी के शरीर में बंधे आईईडी को डिफ्यूज करने के दौरान हुई थी। कर्नल निरंजन एनएसजी बम डिफ्यूज स्क्वॉड के चीफ थे।

कर्नल निरंजन ने जैसे ही उस आतंकी को छुआ, वो ब्लास्ट कर गया। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। 35 साल के निरंजन का जन्म केरल में ही हुआ था। करीब डेढ़ साल पहले ही उनकी पोस्टिंग आर्मी से एनएसजी में हुई थी। एक सेना का परिवार हमेशा साहस से काम लेता है, इस विपरीत परिस्थिति में भी निरंजन की बहन का कहना है कि वो उन्हें अर्जुन के रुप में देखती है, जिसने अपनी कर्मभूमि के लिए जान दे दी।

एनएसजी में जाने से पहले वे सेना के मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप में अप्वाइंट हुए थे। तीन साल पहले यहीं उनकी शादी डॉक्टर के जी राधिका से हुई थी। वह सितंबर में घरवालों से मिलने आए थे। उनकी दो साल की एक बेटी है, जिसका नाम विस्मया है।  

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