मरीज चाहता है कि डॉक्टर उन्हें तवज्जो दे

डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्यूंकि वो कई बार हमारी जिंदगी बचाकर हमें नयी ज़िन्दगी देते हैं और हमें स्वस्थ रखने की पूरी कोशिश करते हैं तो ऐसे में उनकी बात को गौर से सुनना भी लाजमी है. लेकिन बदले में डॉक्टर भी मरीजों से अच्छा व्यवहार करें। एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि 90.2 प्रतिशत मरीज चाहते हैं कि डॉक्टर के साथ पहले परामर्श में वह उन्हें विस्तार से सुनें जबकि 84.4 फीसदी रोगी अपनी बीमारी, निदान और दवाओं के बारे में सब कुछ चिकित्सक को बता देना चाहते हैं। भारतीय चिकित्सा संघ ने इस सिलसिले में एक सर्वेक्षण किया है, इसने 1,325 लोगों से बातचीत की और पाया कि 71.2 प्रतिशत मरीज चाहते हैं कि पहली मुलाकात में डॉक्टर उनका स्वागत करें और अपना परिचय दें.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि 38.8 फीसदी रोगियों की चाहत है कि परामर्श के बाद डॉक्टर उन्हें धन्यवाद कहें। सर्वेक्षण के परिणाम आने के बाद आईएमए ने ‘एएलईआरटी अभियान’ शुरू किया है जिसमें सदस्यों को मरीजों को तवज्जो देने, अपना परिचय देने, मरीज की बात सुनने और उसे बीमारी तथा जांच के बारे में सब कुछ समझाने के लिए कहा जाता है। मरीज से दोबारा बात करने का भी आग्रह है ताकि यह जाना जा सके कि पहली बार बातचीत से उसने क्या समझा और परामर्श के बाद मरीज को धन्यवाद कहा जाए.

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