असहिष्णुता भारत की परंपरा में कहीं नहीं है: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली: मंगलवार को लोकसभा में असहिष्णुता की बहस का आज दूसरा दिन है इस पर लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान दिए तथा सदन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की स्पीच के दौरान हंगामे के बीच कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट ने सदन से वॉकआउट कर दिया. सदन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब वीके सिंह के बयानो पर लोग कहते है कि भारतीय प्रधानमंत्री इस पर क्यों कुछ नही बोलते. पीएम ने मुझे इसके लिए जिम्मेदारी दी है. देश में जब भी माहौल खराब करने वाली टिप्पणी होती है तो में स्वंय ही इस पर कार्यवाही के लिए कहता हु.

राजनाथ ने कहा कि अब प्रतिपक्ष क्या चाहता है? क्या कहें हम? वीके सिंह ने खुद कहा कि उनके द्वारा कहे गए बयानो को गलत तरीके से तोड़ मरोड़कर पेश किया गया। हमने भी उनसे बात की। यह सरकार के साथ न्याय नहीं है। राजनाथ ने कहा कि आज लोगो को लगता है कि बोलने की कोई आजादी नहीं है। याद दिलाना चाहता हूं कि अभी पिछले महीने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े एक विद्वान अब्दुल कुरैशी ने दोहराया था कि राम भगवान का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. 

तब इस बात को लेकर भारत में कोई भी प्रतिक्रिया नही दी गई थी राजनाथ ने कहा कि यह है सहिष्णुता। विद्वान को जो लगा, उसने बोल दिया। लेकिन इससे मान्यता नहीं बदल गई। भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि असहिष्णुता भारत की परंपरा में कहीं नहीं है।

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