हमारे बचपन के संस्कार ही हैं कि घर में हवन होते समय घर के लड़के मंत्र भले ना बोल पायें पर स्वाहा इतनी ज़ोर से बोलते हैं कि सारी पापी आत्माएं आवाज़ सुनकर ही मर जाती हैं।