पान को लोग खाना खाने के बाद पचने और मुँह के स्वाद के लिये भी खाते है। इसके अलावा धर्म सँस्कार की क्रियाएँ भी इसके बिना सम्भव नही होतीहै । पान का पूजा अर्चना और टोटको मे बहुत महत्वपूर्ण स्थान है किन्तु बहुत कम लोग जानते है कि ये सिर्फ मुँह का जायका ही बेहतर नही करता बल्कि शरीर को अनेक तरह के रोगो से भी बचाता है। पान के पत्ते मे दस ग्राम कपूर मिला कर दिन मे तीन चार बार पान का सेवन करे तो पायरिया की बीमारी ठीक हो जाती है। हल्दी को गर्म करके पान के पत्ते मे लपेट कर चबाने से खाँसी मे आराम मिलता है। पान के पत्ते को पीस के चेहरे पर लगाए चेहरे की रँगत निखरने लगेगी । पान के पत्ते को पीस कर अँरडी के तेल मे मिला कर एक पेस्ट तैयार करे और वहाँ लगाए जहाँ सूजन है ।आराम मिलेगा । अगर आपके मुँह मे छाले है तो पान के पत्ते का रस निकाल कर गर्म करे और जहाँ पर छाले है वहाँ लगाए आपको जरूर आराम मिलेगा।