मुंबई में विरोध पाकिस्तान में प्रतिक्रिया

इस्लामाबाद : मुंबई में पाकिस्तानी गज़ल गायक गुलाम अली के कार्यक्रम को रद्द किए जाने के साथ ही पाकिस्तान के कलाकारों को भारत में प्रवेश न दिए जाने की मांग को लेकर जिस तरह का विरोध किया गया है। उसका असर पाकिस्तान के समाचार पत्रों में भी नज़र आ रहा है। पाकिस्तान के समाचार पत्रों ने इसे भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में आने वाली कमी से जोड़ा है। समाचार पत्रों द्वारा कहा गया है कि कुछ चरमपंथी भारत में जहरीला असर डाल रहे हैं जो भारत की अखंडता और एकता के लिए एक चुनौती है। 

मिली जानकारी के अनुसार भारत में चरमपंथी विचारधारा के लोगों के कारण अभिव्यक्ति की आजादी को चुनौती मिली है। भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर अन्य नेताओं ने इस मामले में निंदा नहीं की है। जो कि काफी आश्चर्यजनक है। बीते दिनों पाकिस्तानी गज़ल गायल गुलाम अली के कार्यक्रम को शिवसेना द्वारा रद्द किए जाने की मांग की गई थी।

दूसरी ओर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन पर सुधींद्र कुलकर्णी का विरोध किया गया। भारत में बीते दिनों घटी विभिन्न घटनाओं का उल्लेख करते हुए यह भी कहा गया कि दादरी कांड, शिवसेना विवाद और साहित्यकारों का पुरस्कार वापस किया जाना इस बात के संकेत कर रहा है कि यहां आजादी को प्रभावित किया जा रहा है। 

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