हिन्दुस्तान में लगे पकिस्तान जिंदाबाद के नारे

नई दिल्ली : स्टूडेंट को देश का भविष्य कहा जाता है और जब वही देश का भविष्य देश के खिलाफ नारे लगाने लगे तो किसी भी देश के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या होगी। जी हां हाल ही में दिल्ली की जेएनयु में लेफ्ट स्टूडेंट ग्रुप्स द्वारा संसद अटैक के दोषी अफजल गुरु और जम्मू.कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था। इस प्रोग्राम को पहले इजाजत को मिल गई थी। लेकिन एबीवीपी ने इसके खिलाफ यूनिवर्सिटी के वीसी एम जगदीश कुमार के पास शिकायत की। इस शिकायत के बाद प्रोग्राम को रद्द करने के आदेश दे दिए गए लेकिन फिर भी प्रोग्राम अपने निश्चित समय पर हुआ इस बिना इजाजत हुए इस प्रोग्राम का एबीवीपी के कार्यकर्ताओ द्वारा जमकर विरोध किया गया धीरे-धीरे यह मामला इतना बढ़ गया की की कई स्टूडेंट पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया।

हद तो तब हुई जब 10 फरवरी को दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रोग्राम के दौरान कुछ लोगों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा दिए साथ ही आतंकियों के समर्थन में इंडिया गो बेक के नारे भी लगे। जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (JNUSU) के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार को अरेस्ट कर लिया। इसके साथ ही विडियो फुटेज के द्वारा पुलिस अन्य आरोपियों की भी पड़ताल कर रही है जब पुलिस द्वारा कन्हैया कुमार को कोर्ट में उपस्थित किया गया तब जज ने उनसे पूछा की और किस प्रकार की आजादी चाहते हो तो कुमार का कहना था की 'नारेबाजी के दौरान मैं मौजूद नहीं था।

क्या जिस देश में रहते है उसी के खिलाफ नारे लगाना सही है घ् नहीं इसी मुद्दे पर आज देश में कई जगह जमकर प्रदर्शन किया जा रहा है और देश के कई हिस्सों में लोग सड़क पर उतर आए है साथ ही देश के राजनेताओ ने भी इनके खिलाफ वयान दिए है. बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी कैलाश विजयवर्गीय का कहना है की भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद करने वालों की जबान नहीं काट देनी  चाहिए? आज इलाहबाद में एक पूर्व सैनिक ने मुझसे एक ऐसा सवाल किया, जो आज हर राष्ट्रभक्त को सता रहा है 'प्रश्न यह था की हम सैनिक सीमा पर प्राणों की बाजी क्या इसलिये लगाते हैं कि देश के अंदर लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएं और कोई कुछ न कहे साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की एकता और अखंडता पर सवाल उठाना अपराध है। सरकार उन्हें माफ नहीं करेगी। एक साल में जितने आतंकी मारे गए। इतनी बड़ी कार्रवाई कभी नहीं हुई। सरकार विदेशों ताकतों को आंख उठाकर देखने की इजाजत नहीं देती। पाकिस्तान लगातार फायरिंग कर रहा है। हमने कहा कि अगर उधर से गोलियां चलती हैं तो हम इधर से गोलियों की गिनती क्यों करें।  स्मृति ईरानी का कहना है किए भारत मां का अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा।

इस मामले में पुलिस का कहना है  वसंतकुंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ के अनुसार"जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने हमें इन्फॉर्म किया था कि यूनिवर्सिटी में एक कॉन्ट्रोवर्शियल मुद्दे को लेकर अलग-अलग स्टूडेंट्स के दो गुटों बीच टकराव हो सकता है। इसी के चलते पुलिस कैम्पस में मौजूद थी कैम्पस में कोई घटना नहीं घटी, लेकिन पुलिस ने सावधानी बरतते हुए सारी तैयारियां कर ली थीं।

स्टूडेंट ने इस प्रकार दी अपनी सफाई  जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के ज्वाइंट सेक्रेटरी सौरभ कुमार शर्मा ने कहा परमिशन रद्द कर देने के बावजूद यह इवेंट हुआ। न केवल साबरमती होस्टल के बाहर प्रोटेस्ट हुआ, बल्कि गंगा ढाबे तक मार्च भी निकाला गया। जेएनयूएसयू के प्रेसिडेंट और आइसा लीडर कन्हैया कुमार के मुताबिक, लेफ्ट ऑर्गनाइजेशन फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने के अधिकार को छीनने के खिलाफ है, इसलिए हमने प्रोग्राम को सपोर्ट किया। कन्हैया के मुताबिक, "एडमिनिस्ट्रेशन ने लास्ट मोमेंट पर ऑर्गनाइजर्स को बताया कि परमिशन कैंसल कर दी गई है। ऑर्गनाइजर्स ने भी वक्त पर जानकारी न मिलने की बात कही थी। इस पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि यहां न तो पुलिस थी और न ही कोई गार्ड था। 

यह बड़ा मामला अफजल गुरु औरजम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के को-फाउंडर  मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज करने को लेकर शुरू हुआ। अफजल गुरु और मकबूल भट को  11 फरवरी 1984 को फांसी दी गई थी।

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