भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान की सेना फायरिंग कर रही है तो दूसरी ओर भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकी घुसपैठ करने में लगे हैं। ये आतंकी भारत में हमले करने की साजिश रच रहे हैं। भारत पाकिस्तान से कई बार शांति की अपील करने चुका है लेकिन फिर भी पाकिस्तान आतंकवाद को ढोने से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकी कैंप्स चलने और आतंकियों के पाकिस्तान में मौजूद होने की बात सबूत के साथ पाकिस्तान विश्व मंच पर कहता रहा है। पाकिस्तान की सरकार को तक आतंकी निर्देशित करने में लगे हैं। बावजूद इसके पाकिस्तान भारत पर कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कर रहा है, जबकि उसके अपने देश में बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के अत्याचारों की बात कर उससे अलग होना चाहते हैं। जब अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद का सफाया करने की दो टूक चेतावनी दे दी तो वह रूस के पास चला गया। मगर पाकिस्तान आतंकवाद के मसले पर घिर चुका है। जो रूस सीरिया में इस्लामिक आतंकवाद से प्रेरित आईएसआईएस को समाप्त करने के लिए अपने विमानों के साथ सैन्य अभियान पर था वह पाकिस्तान से आतंकवाद के मसले पर हमदर्दी नहीं रखेगा। फिर अपेक्षाकृत अधिक व्यापारिक हित भारत से पूरे होने के कारण रूस पाकिस्तान के पाले में कम ही जाएगा हां मगर यदि उसे वित्त पोषण के लिए चीन की मदद मिलती है तो फिर पाकिस्तान रूसी समर्थन प्राप्त कर सकता है लेकिन चीन भारत से अपने सीमा विवाद के हित को साधने के लिए पाकिस्तान से जुड़ा है। आतंकवाद के मसले पर यदि चीन पाकिस्तान का साथ देता है तो वैश्विक मंच पर चीन को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। दूसरी ओर भारत में चीनी सामान का एक बड़ा बाजार है। पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद यदि चीन के लिए यह बाजार प्रतिबंधित कर दिया जाए तो चीन को बहुत नुकसान होगा। ऐसे में उसकी आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी और वह सीधे तौर पर भारत से टकराव लेने से बचेगा।