पकाने के लिए कुछ है ही नहीं

प्रेमी -प्रेमिका ने जब एक दूसरे को विवाह का वचन दे दिया |  प्रेमिका- परन्तु प्रिय , में एक बात मैं पहले साफ कर दूं - मुझे खाना पकाना नहीं आता |  प्रेमी- कोई बात नहीं प्रिय ,  मैं भी पहले ही साफ किये देता हूं ,  मैं कवि हूं , मेरे घर में पकाने के लिए कुछ है ही नहीं |

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