मोदी आखिर क्यों बने हुए है मौनव्रत धारी : पी चिदंबरम

पुडुकोट्टाई :  ललित मोदी विवाद से सियासत गरमाई हुई है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ललित मोदी विवाद और महाराष्ट्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे के मुद्दे को लेकर नमो के मौन धारण करने पर प्रश्न उठाया है. चिदंबरम ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पंकजा मुंडे के खिलाफ लगे आरोपों पर निशाना साधते हुए कहा, मनमोहन सिंह को मौन व्रत धारी कह कर चुटकी लेने वाले मोदी जी ने इन मुद्दो पर मौन संकल्प क्यों ले रखा है.

मनमोहन सिंह की निंदा करने वाले प्रधानमंत्री अब खुद मौन धारण किये हुए है. कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता राज बब्बर ने शनिवार को मांग उठायी थी कि अगर प्रधानमंत्री मोदी कथित अनियमितता की आरोपी महिला मंत्रियों का त्याग पत्र स्वीकार करने में स्वयं को असमर्थ महसूस कर रहे है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.

कांग्रेस इन दिनों भाजपा की चार महिला नेताओं वसुंधरा राजे, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे को घेरे में ले रही है. केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना हमला बोलते हुए चिदंबरम बोले कि सरकार के एक वर्ष पूरा होने के बाद अब जनता की ओर से चुनावी वादों पर अपने नेताओं से सवाल करने का अब उचित समय आ गया है.

चिदंबरम ने कहा,  तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक और केंद्र सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है. ऐसे में सांसदों को वोट देनी वाली जनता सवाल उठाये कि क्या कम से कम 20 फीसदी वादे भी सरकार ने पुरे किये है . चिदंबरम बोले कि प्रधानमंत्री को लोगों के समक्ष स्पष्ट करना चाहिए कि एक साल की अवधि में उन्होंने क्या किया और क्या ‘उनके वादे के मुताबिक अच्छे दिन आ गए है."

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