मिस्र : अपदस्थ राष्ट्रपति मुर्सी को 20 साल कारावास की सजा

काहिरा : मिस्र की एक अदालत ने अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को इत्तिहादिया प्रेसीडेंसियल पैलेस के बाहर दिसंबर 2012 में प्रदर्शनकारियों की हत्या करवाने के मामले में मंगलवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई है। तीन जुलाई, 2013 को सत्ता से बदखल होने के बाद मुर्सी के खिलाफ यह पहला फैसला आया है। 
खबरों के मुताबिक, हालांकि मुर्सी और मामले के 14 अन्य आरोपियों को हत्या की साजिश रचने तथा हथियार रखने के मामले में बरी कर दिया गया है। मुर्सी, मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रमुख नेता मोहम्मद अल-बेल्तागी तथा एसाम अल-अरियान सहित अन्य 14 के खिलाफ साल 2012 में हुए इत्तिहादिया झड़प मामले में सुनवाई चल रही थी। 
इत्तिहादिया प्रेसीडेंसियल पैलेस के बाहर पांच दिसंबर, 2012 को मुर्सी विरोधियों व समर्थकों के बीच हुई झड़प में 10 लोग मारे गए थे, जबकि दर्जनों घायल हो गए थे। मुर्सी पर अपने समर्थकों तथा सहयोगियों को हत्या के लिए उकसाने, हिंसा करवाने तथा प्रदर्शनकारियों को अवैध तौर पर हिरासत में रखने व उत्पीड़न करने का आरोप था। मुर्सी हेलिकॉप्टर से काहिरा में पुलिस अकादमी स्थित अदालत पहुंचे। 
बचाव पक्ष के एक वकील मोंटेसर अल-जायत के मुताबिक, मुर्सी के खिलाफ विदेशी संगठनों के सहयोग से मिस्र में आतंकवादी गतिविधियां चलाने, कतर को गोपनीय दस्तावेज देने, साल 2011 में जेल से भागने और सुनवाई के दौरान एक न्यायाधीश का अपमान करने के आरोपों पर सुनवाई जारी है। 
मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक शाखा फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी के पूर्व प्रमुख मुर्सी साल 2012 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए। इससे पहले पार्टी ने उम्मीदवार के तौर पर खैरत अल-शातेर को चुना था, लेकिन सुप्रीम इलेक्शंस कमेटी ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया था।

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