शर्मनाक: जब किसी भी गाँव वाले ने नहीं दिया कन्धा, तो साइकिल पर माँ का शव लादकर निकला 16 वर्षीय बेटा

भुवनेश्वर: सामाजिक बहिष्कार की वजह से ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के हेमगिर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गोपालपुर के कर्पाबहाल में एक बेटे को अपनी मां का पार्थिव शरीर साइकिल पर लादकर चार किलोमीटर दूर छर्ला जंगल तक ले जाने को विवश होना पड़ा. वहां उसने अपनी मां के शव को दफनाते हुए उनका अंतिम संस्कार किया.

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घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी.  जातिवाद की वजह से हुई इस शर्मनाक घटना से इंसानियत शर्मसार हो गई है. बताया जा रहा है कि सुंदरगढ़ जिले के गोपालपुर की विधवा जानकी सिंघारनिया सामाजिक बहिष्कार झेल रही थी. अपने 16 साल के पुत्र के साथ लखनपुर के कर्पाबहाल में काम करते हुए वह किसी तरह गुजारा कर रही थी.

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बुधवार को समीप के ही एक कुएं से पानी भरते समय वह गिर गई और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया. इसकी जानकारी के बाद आस-पड़ोस एवं गांव के लोगों ने सामाजिक बहिष्कार का हवाला देते हुए अर्थी को कंधा देने के लिए आने से साफ़ मना कर दिया. इस कारण मजबूरन होकर पुत्र मां के पार्थिव शरीर को साइकिल में लादकर लगभग चार किलोमीटर दूर छर्ला जंगल पहुंचा और वहां उसने अपनी माँ के शव को दफनाया. 

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