देश के सम्बन्ध बनाने के लिए वार्ता जरूरी, यह कोई एहसान नही

जयपुरः पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने विदेश सचिव वार्ता में देरी की पृृष्ठभूमि में यह बात कही है कि दो देश अगर आपस में बात करते हैं तो यह किसी देश के उपर एहसान करना नहीं हुआ बल्कि इससे तो देशों के बीच संम्बधों में मिठास आती हैं। हम सब को, सम्बधों को सामान्य बनाने कि जरूरत है।

आपको बतां दे कि भारत स्पष्ट कर चुका है कि पठानकोट आतंकवादी हमले में कार्रवाई ही प्राथमिकता रहेगी। और साथ ही पाकिस्तान विषय में हुई वार्ता के दौरान भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा- हमने अभी दरवाजों को बंद नहीं किया है। हमारी ओर से सहयोग कि भावना बनी रहेगी। लेकिन हम पाठनकोट में हुई घटना का भी निवारण चाहते हैं। और यहां पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आपसी सम्मान और हितों के आधार पर संबंधों को सामान्य बनाना चाहते हैं।

पाठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को वार्ता पर प्राथमिकता देने के संकेत देते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने इस सप्ताह के पूर्व में कहा था कि एक आतंकवादी हमले के बाद अगर आप मुंझसे पूछते हैं कि आप किसे प्राथमिकता देते हैं आतंकवादी हमले को या राजनीतिक वार्ता को तो मैं समझता हूॅं कि जवाब साफ होना चाहिए।

आपको बतां दें कि जब जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन के द्वारा पाठनकोट पर हमला किया गया था। उसके एवज में भारत ने पाकिस्तान को इसके सबूत कार्यवाही हेतू मुहैया कराए थे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जिनके चलते वार्ता स्थगित हुई। बासित ने आगे कहते हुए कहा कि न तो युध्द और न ही वार्ता खत्म करना विकल्प है। हमारा विश्व आतंकवाद सहित साझा चुनौतियों के समाधान के लिए सक्रिय सहयोंग का आव्हान करता है।

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