अब सागर की बुँदे कम करेगी इस गंभीर बिमारी का खतरा

क्या आप जानते है कि समुद्र में बहने वाला अपार पानी आपको एक गंभीर बिमारी के खतरे से बचा सकता है. दरअसल समुद्र के पानी का एक घूंट पेट के अल्‍सर और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है. एक नए अध्‍ययन में शोधकर्ताओं ने हैलीकोबैक्‍टर पाइलोरी विषाणु को खत्‍म करने के लिए मरीजों को गहरे समुद्र का पानी पीने को कहा.    10 में से 4 लोग अपनी जिंदगी के किसी न किसी पड़ाव पर इस विषाणु से प्रभावित होते हैं. पेट के अल्‍सर के पीछे यही विषाणु जिम्‍मेदार होता है. कई लोगों में यह बिना नुकसान किए शरीर में रहता है लेकिन 15 प्रतिशत प्रभावित लोगों में यह अल्‍सर पैदा करता है. यह माना जाता है कि कुछ लोगों में यह विषाणु पेट की मजबूत परत को नुकसान पहुंचाता है.   सेंट्रल मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के गैसट्रोएटरोलोगिस्ट डॉ. जॉन मेसन इस शोध पर टिप्‍पणी करते हुए कहा कि यह एक आकर्षक काम की तरह लगता है और यह बहुत दिलचस्‍प बात है कि यह बैक्टीरिया की संख्या कम कर देता है. हालांकि हमें अभी तक इस बात का पता नहीं है कि अगर लोग पानी को पीना रोकने में बैक्टीरिया संख्या में वृद्धि होगी या नहीं.   प्रारंभिक अवस्‍था में किए गए प्रयोगों से यह निष्‍कर्ष निकाला है कि समुद्र का पानी स्‍तन कैंसर कोशिकाओं के विकास को भी रोक सकती है. कैंसर विज्ञान इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित शोध में, कोरिया के वैज्ञानिकों ने एक टेस्ट ट्यूब में कैंसर की कोशिकाओं के साथ समुद्री पानी को मिलाया. उन्‍होंने पाया कि पानी ने कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक दिया.   यह सेल प्रसार में शामिल होता है और कंपाउंड के लेवल को प्रभावित करता है. इसे ट्रांस्फोर्मिंग ग्रोथ फैक्टर कहते है. टीम को बड़े परीक्षण में पानी का उपयोग करने की उम्मीद है. साथ शोधकर्ताओं का कहना है कि यह भविष्‍य में ट्यूमर को रोकने या शरीर के चारों ओर फैलाने से रोकने के इलाज में काम आएगा.

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