भोपाल : अपनी मांगों को लेकर नर्सों ने हड़ताल कर दी, लेकिन इससे मरीजों की फजीहत हो गई। मरीजों को न तो दवाईयां ही मिल सकी और न ही मरहम पट्टी हो सकी। इसके चलते कई मरीजों ने निजी चिकित्सालय की शरण ली है। गौरतलब है कि सात सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के शासकीय अस्पतालों की नर्सों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। इसके चलते प्रदेश की लगभग बीस हजार नर्सों ने हड़ताल कर दी। हड़ताल के कारण उन मरीजों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा, जो शासकीय अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करा रहे है, लेकिन हड़ताल के कारण मरीजों के हाल बेहाल हो गये। इधर नर्सों ने यह चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो नवंबर माह से अनिश्चितकाली हड़ताल कर दी जायेगी। हड़ताली नर्सों ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की सरकार मांगों को पूरा करने का आश्वासन दे रही है, लेकिन यह आश्वासन पूरा नहीं हो सका है। चेतावनी के बाद भी NHM कर्मचारी हड़ताल पर