अब नाबालिक किशोर भी होंगे सजा के हकदार

नई दिल्ली : लंबे समय से जुवेनाईल जस्टिस की बात देशभर में की जा रही थी। इस दौरान आरोपियों को बालिगों की तरह सजा दिए जाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है। उल्लेखनीय है कि जघन्य अपराधों के आरोपियों में 16 वर्ष से 18 वर्ष के किशोरों के शामिल होने पर उन्हें भी वैसी ही सजा दी जाएगी जैसी एक वयस्क अपराधी को दी जा सती है। 
मामले में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मामले में कहा कि कैबिनेट ने किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन को मंजूरी प्रदान की है। इस दौरान 16 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के किशोर आरोपियों पर वयस्कों की ही तरह सजा का प्रावधान दिया जाएगा। दूसरी ओर कैबिनेट के सामाने इस मसले को लाया गया तो इसे आखिरी के क्षणों में एजेंडे से हटा लिया गया और मंत्रियों का एक अनौपचाकि समूह मामले को लेकर जांच करेगा। 
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस तरह के प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए इस मुद्दे पर आगे बढ़ने का निर्णय किया। यही नहीं उच्चतम न्यायालय ने भी हाल में ही इस मामले में कहा कि बलात्कार, हत्या, डकैती और तेजाब हमलों जैसे अपराधों को लेकर किशोरों को अंजाम देने के मामले में किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा की आवश्यकता है। मामले में मनोचिकित्सक और समाज विशेषज्ञ भी आंकलन करने वालों में शामिल होंगे।

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