4 माह तक झेलना होगी नोटबंदी की समस्या

नई दिल्ली : केन्द्र की मोदी सरकार भले ही यह दावा करें कि नोटबंदी के कारण उपजी समस्या हफ्ते-दो हफ्ते में खत्म हो जायेगी लेकिन यदि अर्थशास्त्र से जुड़े विद्वानों की माने तो लोगों को अभी कम से कम चार माह तक ओर नोटबंदी की समस्या से रूबरू होना पड़ सकता है।

यह बात अलग है कि लोग रोज ही बैंकों की कतार में लगकर पुराने नोटों को बदलाने का काम कर रहे है वहीं एटीएम में भी नये नोटों को भरकर, लोगों की पूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारतीय अर्थ व्यवस्था में पर्याप्त मात्रा में नकदी की मौजूदगी होने में चार माह का वक्त लगने की पूरी संभावना है।

बताया गया है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अभी तक 5,44,571 करोड़ रूपये पुराने नोटों के रूप में जमा हुये है वहीं 33,006 करोड़ रूपये बदलने का काम भी किया गया। अनुमान है कि भारतीय अर्थ व्यवस्था में 14 लाख करोड़ पांच सौ और एक हजार रूपये के नोट चलन में थे। अभी जिस तरह से नोटों की वापसी और बदलने की गति दिखाई दे रही है, उससे कम से कम चार माह का समय और अधिक व्यवस्था पटरी पर आने के लिये लग सकता है।

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