मालेगांव ब्लास्ट मामले में ट्रायल पर रोक नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मसले पर ट्रायल पर रोक नहीं लगाई है। दरअसल एनआईए और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया गया है। न्यायालय ने एक सप्ताह में जवाब मांगा है। इस मामले की सुनवाई इस समयावधि के बाद किए जाने की बात सामने आई है। वर्ष 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने हर्ष मंदर व पीडि़तों की याचिका पर सुनवाई की मांग पर ध्यान दिया है। इस दौरान मांग की गई है कि एनआईए में सरकार की ओर से किसी बड़े वकील को नियुक्त किया जाए।

इस दौरान कहा गया है कि सीबीआई की एसआईटी का गठन किया जाएगा। न्यायालय की निगरानी में जांच की जा सकती है। अधिकारियों के कहने पर कहा गया है कि सरकारी वकील के तौर पर रोहिणी सालियान को ट्रयल के आधार पर शिथिलता बरतने के आदेश दिए गए। माना जा रहा है कि इस मामले को कमजोर करने के लिए सरकार ने रोहिणी को हटाया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल रोकने की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि एक माह में आरोपियों की जमानत याचिका का समाधान किया जाए। मगर अभी तक इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हो पाई। 

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