शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर हुये विवाद को सुलझाने में फड़नवीस सरकार की कमजोर पहल

निरंतर कुछ दिनों से शनि मंदिर को लेकर चल रहें विवाद में एक नया मोड़ आ गया हैं। रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने मुख्यमंत्री फड़नवीस से मुलाक़ात की हैं। तथा उनसे महिलाओं के साथ किए जाने वाले भेदभाव को लेकर चर्चा की हैं। ज्ञात हों की शनि शिंगनापुर में शनि महाराज की पूजा को लेकर महिलाओं द्वारा पूजा करने की स्वीकृति माँगने का विवाद इस समय बहुत ही जोरों पर हैं। ये विवाद उस समय शुरू हुआ था जब एक महिला के द्वारा शनि भगवान पर तेल चढ़ा दिया गया था।

तब इस मामले को लेकर मंदिर समिति ने इसका जमकर विरोध किया था तथा मंदिर के अंदर महिलाओं का प्रवेश वर्जित कर दिया था। इस बात से महिलाओं की भावनाएं आहत हुईं। तथा महिलाओं का हक़ उन्हे दिलाने का काम रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की सदस्यों ने संभाला तथा आंदोलन शुरू किया तथा अभी गणतंत्र दिवस पर ये ग्रुप शनि मंदिर का दर्शन करने निकली थी किन्तु उन्हे मंदिर से करीब 70 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। तब इस परेशानी का हल निकालने के लिए ब्रिगेड अध्यक्ष तृप्ति देसाई मुख्यमंत्री फड़नवीस से मिली तथा उन्हें ज्ञापन सौपकर महिलाओं के साथ किए जाने वाले भेदभाव का हल निकालने को कहाँ।

तथा उनसे कहाँ की वो अपनी पत्नी के साथ मंदिर जाकर हमारा समर्थन करें। ज्ञापन सौपने के बाद ब्रिगेड अध्यक्ष देसाई ने कहाँ था की उन्हे मुख्यमंत्री का समर्थन मिल चुका हैं। किन्तु उनकी ये खुशी ज्यादा देर न रहीं क्यूंकी मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर ट्वीट करके ये कहाँ की हमारे देश में महिलाओं को अपने विचारो पर तथा अपनी इकच्छाओ के अनुरूप कार्य करने की पूरी आजादी हैं अतः समिति को आपस मे बात करके इस समस्या का हल निकाल लेना चाहिये।

मतलब साफ हैं की मुख्यमंत्री ने ये ट्वीट करके अपना पल्ला झाड़ दिया हैं किन्तु देसाई ने इसे ही उनका समर्थन मान लिया हैं। मुख्यमंत्री के इस ट्वीट के बाद सारे गाँव वालों ने मिलकर मंदिर को घेर लिया हैं गाँव वालों का कहना हैं की वो किसी भी हालत में मंदिर की परमपरा को नहीं टूटने देंगे। अब देखना ये हैं की ब्रिगेड अध्यक्ष तृप्ति देसाई की ये पहल क्या रंग लाती हैं फिलहाल सरकार ने उनकी मदद करने में तो कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी हैं।

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