राम, सीता और हनुमान भी अछूते नहीं रहे इस मीट के खेल से

फैजाबाद : यूपी के फैजाबाद में पिछले पचास सालों से दशहरे पर रामलीला का कार्यक्रम होता आ रहा है। लेकिन इस बार यहाँ के कलाकारों को मीट खाने और न खाने के सवाल पर रोल नहीं दिए जा रहे है। फैजाबाद के मुमताज नगर में मीट खाने वालों को लीड रोल नहीं दिया जा रहा है। एक अंग्रेजी अखबार के माध्यम से आई इस खबर में बताया जा रहा है कि इससे गैर-मुस्लिम समुदायों को ऐतराज है। मुमताज नगर एक मुस्लिम बहुल इलाका है, जहाँ 1963 से रामलीला होती आ रही है। जहाँ के एक टेलर मुख्य भूमिका निभाते है, पर इस बार मामला थोड़ा अलग है।

रामलीला कमिटी के प्रेसीडेंट माजिद अली का कहना है कि मुस्लिम समुदाय रामलीला के दौरान भी मीट खाते है, जिसके कारण वो भगवान का किरदार नहीं निभा सकते। रामलीला कमिटी के मेंबर बलधारी यादव का कहना है कि रामलीला देखने आने वाली महिलाँए, राम-सीता व हनुमान का किरदार निभानेवाले कलाकारों के पैर छूती है। उनकी भावनाओं का ध्यान रखते हुए इस बार सारे अहम किरदार हिन्दुओं को दिए गए है।

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