भारत नहीं बसा रहा किसी तरह का गुप्त परमाणु शहर

नई दिल्ली : भारत द्वारा एक परमाणु शहर बनाए जाने की बात को भारतीय परमाणु प्रतिष्ठान ने खारिज कर दिया है। दरअसल भारत के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक अमेरिकी पत्रिका फाॅरेन पाॅलिसी ने अपने प्रकाशन में यह उल्लेख किया था कि भारत गुप्त परमाणु शहर बसा रहा है। परमाणु ऊर्जा विभाग के सूत्रों के अनुसार यह केवल संयोग है कि कर्नाटक में जो भूमियां आवंटित की गई हैं, वहां कई तरह के शीर्ष संस्थान आस- पास स्थापित किए गए हैं। जिसके कारण इस तरह की बातें सामने आ रही हैं। मगर भारत कोई परमाणु शहर नहीं बसा रहा है। 

फाॅरेन पाॅलिसी द्वारा 16 दिसंबर को विस्तृत रिपोर्ट का प्रकाशन किया गया है जिसमें यह बात प्रमुखतौर पर की गई है कि कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्र में वर्ष 2012 के प्रारंभ में इस पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 14 पृष्ठों की रिपोर्ट में यह कहा गया कि आदिवासी चरागाह भूमि को परियोजना हेतु बाड़ से घेर दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की भूमि देश का सबसे बड़ा सैन्य संचालित परमाणु अनुसंधान का केंद्र है।

यहां परमाणु अनुसंधान प्रयोगशालाऐं, परमाणु हथियारों और परमाणु युद्धक विमानों के परीक्षण की सुविधाऐं उपलब्ध करवाई जाऐंगी। फाॅरेन पाॅलिसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि परियोजना का प्रारंभिक उद्देश्य सरकार की परमाणु शोध को बढ़ावा देना है। भारत में जो परमाणु रिएक्टर लगाए गए हैं। उनके लिए ईंधन का उत्पादन करना और भारत की नई परमाणु पनडुब्बियों को शक्तिशाली बनाने में मदद करना इसका उद्देश्य है। 

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