बिहार में गहराया सूखे का संकट, नितीश सरकार ने कसी कमर

पटना : देश के विभिन्न हिस्सों में गर्मी निरंतर बढ़ती ही जा रही है, जिसकी वजह से लोगों को हर तरह से समस्या झेलनी पड़ रही है. गर्मी के बाद कई प्रदेशों में कम बारिश का अनुमान रहने के कारण सूखे की आशंका भी जताई जा रही है. मई के माह में उत्तर भारत में गर्मी पड़ती है और उस समय बिहार में आम तौर पर 51.0 मिलीमीटर बारिश हो जाती है.

बिहार में पानी की किल्लत ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है.गत वर्ष से कम बारिश होने से सूखे की स्थिति पैदा हो गई. सुखाड़ से निपटने की तैयारी में सरकार लग गई है. इस वर्ष अब तक केवल 32.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. ऐसे में सूबे में सूखा पड़ने की आशंका है. इसके लिए बिहार की नितीश सरकार ने कमर कस ली है. आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि बिहार में सूखा और बाढ़ तक़रीबन प्रत्येक साल की दिक्कत है. ऐसे में आपदा प्रबंधन विभाग इन समस्याओं से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहता है.

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अनुसार, प्रदेश के 25 जिलों के 280 प्रखंड पहले से ही सूखाग्रस्त चिन्हित हैं. इन सभी प्रखंडों में पानी का उचित प्रबंध और कमी दूर करने के लिए अधिकारियों को हर संभव कोशिश करने का आदेश दिया गया है. कई जिलों में टैंकरों से भी पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई हैं.

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