नई दिल्ली : इस साल संसद में रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा पेश किया गया बजट आखिरी हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस योजना आयोग को नीति आयोग में बत्दील किया था, उसकी सिफारिश है कि रेल बजट को अलग से पेश करने की कोई जरुरत नहीं है। नीति आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 20 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में उच्च स्तरीय सलाना कार्यक्रम को बंद करने की सिफारिश की गई है। पीएमओ ने रेल बजट को लेकर आयोग से सुझाव मांगी थी। बिबेक रॉय के नेतृत्व में गठित किए गए पैनल ने कहा है कि ब्रिटिश राज से चली आ रही इस परंपरा को आगे जारी रखने की कोई खास जरुरत नहीं है। रिपोर्ट में रेल बजट को आम बजट में ही शामिल करने के लिए एक विस्तृत योजना भी बताई गई है। इस नोट में कई सिफारिशें की गई है। कहा जा रहा है कि पीएमओ जल्द ही इनमें से कुछ सूत्रों पर अमल कर सकता है। पैनल के दूसरे सदस्य व इकोनॉमिस्ट किशोर देसाई ने कहा है कि रेल बजट का सलाना कार्यक्रम अपने मकसद में कामयाब होता नहीं दिख रहा है। यह पूरी तरह से मशीनी लग रहा है। रेल भवन के सूत्रों ने बताया कि नीति आयोग के अध्ययन के बाद आर्थिक विभाग, वित्त सचिव, कैबिनेट सेक्रेटरी को इस बारे में अवगत करा दिया गया है।