तीन तलाक़: फ़तवे तले दबी सिसकियां पहुंचेंगी सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं पर हो रहे तीन तलाक़, हलाला और भी कई तरह के अत्याचारों के खिलाफ अब खुद मुस्लिम महिलाओं ने आवाज़ बुलंद की है, मोदी सरकार के साथ अब मुस्लिम महिलाऐं भी इन कुप्रथाओं के खिलाफ खुलकर सामने आ गई है. जिससे भड़के और बौखलाए हुए मुल्ला मौलवियों ने उन्हें फतवे का डर दिखाकर, उन्हें इस्लाम से बहिष्कृत करने की धमकी भी दे डाली है.  इन्ही कुप्रथाओं के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली बरेली के आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान के खिलाफ एक मौलवी ने फ़तवा जारी करके उन्हें इस्लाम से बहिष्कृत कर दिया है.

इस फतवे पर निदा खान का कहना है कि मौलवी को कोई अधिकार नहीं है कि वो हमे इस्लाम से बाहर कर सके, इस्लाम उनकी जागीर नहीं है. निदा खान ने कहा है कि मौलवियों ने अपनी निजी दुश्मनी निकलने के लिए ये फ़तवा जारी किया है, ये लोग शरिया की आड़ लेकर धर्म की दूकान चला रहे हैं. जहाँ ये चंद पैसे वालों को खुश करने के लिए उलटे सीधे फतवे जारी किया करते हैं. निदा ने इन फतवों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है, उन्होंने मांग की है कि फ़तवा देने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं.

निदा ने कहा है कि इस्लाम में सजा देने का अधिकार सिर्फ अल्लाह को है उसके अलावा कोई किसी को गुनहगार नहीं ठहरा सकता. आपको बता दें कि  मुफ्ती अफजाल रजवी के दस्तखत से जारी फतवे में कहा गया था कि निदा इस्लामिक कानून का विरोध कर रही हैं, लिहाजा उनका 'हुक्का-पानी' बंद कर दिया गया है. फतवे के मुताबिक निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी. निदा की मौत पर जनाजे की नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं निदा की मृत्यु होने पर उसे कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है.

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