गुजरात में हर मतदाता को अनिवार्य होगा मतदान

गुजरात : गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने स्पष्ट कर दिया है की सरकार राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में अनिवार्य मतदान का नियम लागू करेगी. जो मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे, सरकार उसके लिए नवीन नियमो का निर्माण कर रही है. स्थानीय निकाय चुनावों में होगा अनिवार्य मत राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव अक्तूबर में होने की आशंका है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम अनिवार्य मतदान विधेयक के लिए नियम अधिसूचित करने की प्रक्रिया में हैं. इसे गुजरात में निगम और जिला पंचायत चुनावों में लागू करने का निर्णय लिया जावेाग. वे सिर्फ यही जानकारी दे रही थी कि आगामी चुनावो में गुजरात में अनिवार्य मतदान लागू किया जावेगा.

वोटिंग मशीनों की हुई घोषणा

मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने कहा, 'राज्य सरकार ने राज्य में अनिवार्य मतदान को लागू करने के लिए हमने हर प्रकार की व्यस्थाएं कर ली है. यह नियम उनके लिए है जो अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे है और मानदंडों के जानकारी जल्द ही प्रदान की जावेगी.' आनंदी बेन पटेल ने कहा, हमने (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) मशीनों के लिए आदेश दिया है और वे मशीन समय पर उपलब्ध हो जायेगी. इसलिए एक जागरूक मतदाता की तरह हमे मतदान करना चाहिए.

विपक्ष ने किया विरोध

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला ने सरकार के इस फैसले के विरोधी के रूप में सामने आये है. उन्होंने कहा, 'आप बहुमत के जरिए कानून पारित कर सकते हैं लेकिन इसके पीछे की भावनाओ पर ध्यान दिया जाए. इस अनिवार्य मतदान प्रणाली का प्रयोग रूस जैसे कम्युनिस्ट देश में प्रयोग होता था.' वाघेला ने अहमदाबाद में एक सम्बोधन में कहा , 'कानून संविधान पर आधारित होना चाहिए. हमारे देश के संविधान ने लोगों को मताधिकार दिया है और इसका प्रयोग करने अथवा ना करने की स्वतंत्रा भी दी है '

2009 में लागू हुआ था विधेयक

अनिवार्य मतदान विधेयक राज्य विधानसभा ने सबसे पहले 2009 में लागू किया था. इसे तत्कालीन राज्यपाल कमला बेनीवाल ने स्वीकृति प्रदान की थी. विधेयक में मतदान नहीं करने वालो के लिए दंड का प्रावधान था. इस विधेयक को 2011 में भी लागू किया गया था लेकिन इसे राज्यपाल ओपी कोहली ने नवंबर 2014 में अपनी रजामंदी दी थी और यह अधिनियम निर्मित हुआ.

 

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