नई दिल्ली : भारत में सरकारी कामकाजी महिलाओ के उत्थान के लिए सरकार प्रयत्नशील है व इसी के अंतर्गत भारत सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश तीन माह से छह करने, बोनस की राशि दोगुनी करने तथा ग्रेच्युटी को और आसान करने पर विचार कर रही है। श्रम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बोनस अधिनियम में संशोधन कर बोनस के लिए वेतन राशि भी बढ़ाई जा सकती है। इसे 10,000 से बढ़ाकर 19,000 रूपए करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में कम्पनियों को 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश देना होता है। कई नियोक्ता और अधिक मातृत्व अवकाश समेत अन्य सुविधाएं भी देते हैं। प्राइवेट कंपनियों में कहीं पर पांच महीने जबकि कहीं पर छह महीने का मातृत्व अवकाश दिया जाता है। एक अधिकारी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय श्रम विभाग के साथ मिलकर इस ओर गंभीरता से कदम बढ़ा रहा है। महिला विकास से जुड़ा मामला होने के चलते इस बिंदु पर तेजी से विचार किया जा रहा है. एक अन्य विकल्प तैयार किया जा रहा है जिसके तहत मातृत्व अवकाश को दो बच्चों तक ही सीमित करने का प्रस्ताव है। इसके तहत तीसरे बच्चा होने पर वर्तमान नियमों के अनुसार ही छुट्टी जाएगी। वहीं ग्रेच्युटी कानून में भी बदलाव की तैयारी है और इसके तहत एक ही संस्थान में पांच साल काम करने की बाध्यता को समाप्त किया जा सकता है। वर्तमान में ग्रेच्युटी का लाभ लेने के लिए एक ही संस्थान में कम से कम पांच साल तक काम करने की अनिवार्यता है। वहीं बोनस नियमों में वर्तमान में 10 हजार रूपये की सैलरी वाले कर्मचारियों को उनकी सालाना सैलरी पर कम से कम 8.33 प्रतिशत और अधिकतम 20 फीसदी बोनस दिया जाता है। इन नियमों में अंतिम बार 10 साल पहले बदलाव किया गया था। इस महत्वपूर्ण विचारबिंदु पर सरकार काफी गंभीर है व जल्द ही इस पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।