बिड़ला को रास नही आया रिटेलर्स द्वारा निवेशकों को मोटे डिस्काउंट का मॉडल

नई दिल्ली : कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा की भारतीय रिटेलर्स भले ही निवेशकों को मोटा डिस्कांउट दे रहे हो परन्तु इस तरह से अधिक दिनों तक व्यापार नही किया जा सकता है. आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने आगे कहा की इन कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशक निश्चित तौर पर कभी न कभी रिटर्न की मांग करेंगे। बिड़ला ने ग्रॉसरी रिटेलर्स को बराबरी का मौका दिए जाने की अपील भी की। बिड़ला ने कहा, मुझे हैरत होती है कि यह बिजनस (ई-कॉमर्स) इस तरह कैसे चलाया जा सकता है। मुझे वैल्यूएशन का खेल पता है। आखिरकार फाइनैंशल इनवेस्टर को रिटर्न भी तो चाहिए होगा। एक बात तो पक्की है कि अनलिमिटेड फंडिंग तो नहीं हो सकती है। इसे देखते हुए इस मोटे डिस्काउंट वाले मॉडल के टिकाऊ होने पर मेरे मन में सवाल उठता है। 

कोल ब्लॉक ऐलोकेशन के एक मामले में अक्टूबर 2013 में आदित्य बिड़ला ग्रुप के खिलाफ सीबीआई के एफआईआर दर्ज करने के बाद पहली बार बिड़ला ने उस विवाद के बारे में बात की और कहा कि वह मामला एक झटके की तरह था, लेकिन ग्रुप उससे उबर गया। उस मामले में सीबीआई ने बिड़ला पर आरोप लगाए थे। कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, वह एक झटका था। उसके बारे में तो सोचा भी नहीं गया था। हालांकि उससे हमारी ग्रोथ पर असर नहीं पड़ा क्योंकि यह ग्रुप दमखम वाला है। बेहतर यही है कि ऐसी बातों के बारे में भावुक न हुआ जाए। 

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि इस मामले के पीछे राजनीतिक बदले की भावना काम कर रही है, बिड़ला ने इससे पूरी तरह से इनकार किया। उन्होंने इस मामले के अदालत में होने का हवाला देकर इस पर और बात करने से मना कर दिया। इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने बिड़ला और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आरोपी के रूप में समन करने के निचली अदालत के आदेश पर स्टे लगा दिया था। कुमार मंगलम बिड़ला ने इस दौरान मोदी सरकार की जमकर प्रशंसा की व उनके द्वारा भारत में किये जा रहे कार्यो को भी सराहा।

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