कभी न पालें ये 5 आदतें वरना सर्वनाश निश्चित है

काम वासना- जब किसी व्यक्ति को काम वासना की आदत लग जाती है तो उसके जीवन के सुखों का नाश होना प्रारंभ हो जाता है इस आदत से ग्रसित व्यक्ति अपने साथ साथ अपने परिवार की सुख शान्ति का भी नाश करता है. उस व्यक्ति के जीवन से धन, सुख, शान्ति, विनम्रता ये सभी समाप्त हो जाती है.

क्रोध- क्रोध भी मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा शत्रु है जब यह व्यक्ति पर हावी होता है तो उसके विवेक, सहनशीलता तथा विनम्रता का नाश करता है.जिससे उसके पारिवारिक रिश्तों का नाश होता है. क्रोध के कारण व्यक्ति दुसरे का ही नहीं अपितु अपना भी अहित करता है. क्योंकि क्रोध में व्यक्ति को उचित अनुचित का ज्ञान नहीं होता है.

अहंकार- इतिहास गवाह है अहंकार जिस व्यक्ति ने भी किया है उसका सम्पूर्ण विनाश हुआ है रावण, कंश, दुर्योधन, जरासंध और बाली जो की महा बलशाली थे किन्तु अपने अहंकार के कारण अपना सर्वस्व गवां दिया था. इसलिए किसी भी व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए.

मोह- जब कोई व्यक्ति किसी से भी अत्यधिक प्रेम करने लगता है तो उसे मोह कहते है. मोह मनुष्य की बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है तथा उसके ज्ञान के सभी द्वार बंद हो जाते है जिससे उसे केवल वह ही उचित लगता है जिससे वह मोह करता है.जो की बाद में उसके विनाश का कारण बनता है.

लालच- लालच व्यक्ति के विनाश का सबसे बड़ा कारण है जब भी व्यक्ति किसी दुसरे की वस्तु, धन आदि का लालच करता है तो वह उसके विनाश की ओर बढ़ने का पहला कदम होता है तथा जब वह उसे पाने का प्रयास करता है तो वह अपने विनाश के रास्ते अग्रसर रहता है और एक दिन उसका विनाश होना निश्चित हो जाता है.इसलिए व्यक्ति के पास जो भी है उसे उतने में भी संतोष करना चाहिए.

 

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