गलत तरीके से लगाया मैगी पर प्रतिबंध

मुंबई : देशभर में नेस्ले इंडिया के बिकने वाले उत्पाद मैगी को प्रतिबंधित करने के मामले में अब नेस्ले द्वारा अपना बचाव किया जा रहा है। मामले में नेस्ले इंडिया प्रबंधन का कहना है कि मैगी को लेकर जो परीक्षण रिपोर्ट पेश की गई हैं वे ऐसी लैब्स की हैं जिन्हें स्वयंही मान्यता नहीं दी गई। मामले में कहा गया है कि जिन जांच अधिकारियों ने मैगी के सेंपल लिए उन सैंपलों को ऐसी लैब में भेजा गया जिन्हें मान्यता ही नहीं थी। ऐसे में इनकी रिपोर्ट कितनी विश्वसनीय है इस बात का पता सभी को चलता है। जिसके कारण मैगी को बैन करना उचित नहीं है। जल्दबाजी में उठाया गया यह कदम पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता।

ऐसे में मैगी को प्रतिबंधित करने का निर्णय वापस लिया जाना चाहिए। मिली जानकारी के अनुसार नेस्ले इंडिया द्वारा फूड सेफ्टी ऐंड स्टेंडर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया के फैसले पर सवाल उठाए हैं। नेस्ले प्रबंधन का कहना है कि आखिर इतना बड़ा संगठन ऐसा कैसे कर सकता है कि जिन लैब्स को मान्यता ही नहीं है वहां मैगी को टेस्टिंग के लिए भेजा जा रहा है। ऐसे में इनकी रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा सकते हैं। इस तरह के विश्लेषण को लेकर कहा जा रहा है कि अधिकारियों ने गलत तरीके से शपथ पत्रों में दावा कर जांच मान्यताप्राप्त लैब में होने की बात कही है। दरअसल ये लैब्स मान्यता प्राप्त नहीं हैं। सेंपल लेने में जिन उपकरणों का उपयोग हुआ वेही लेड के स्त्रोत थे। ऐसे में इसकी मात्रा बढ़ना स्वाभाविक है।

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