दाँतों पर भी पड़ता है तनाव का नकारात्मक असर

आप तनाव के खतरनाक और जानलेवा दुष्प्रभावों से तो वाकिफ होंगे है, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा की तनाव से दांत किटकिटाने या दांत चबाने की आदत भले ही जानलेवा न हो लेकिन इससे कई तरह की समस्याएं उतपन्न हो सकती है.

जैसे डेंटन, सर और चेहरे संबंधित ढांचे का प्रभवित होना, दाँतों का टूटना. जानिए इसके दुष्प्रभाव और बचाव के तरीके.

कान और सिर दर्द हो सकता है :- दांत किटकिटाना सुनने वाले के लिए चिड़चड़ाहट पैदा करने वाला बिषय हो सकता है और मरीज के लिए शर्मिदगी का. लेकिन इससे होने वाली समस्याएँ बड़ी भी हो सकती हैं और ऐसा भी जरुरी नहीं की सभी समस्याएँ दाँतों से संबंधित ही हो. यह समस्या एंक्रेनियोफेशयल नर्व को भी प्रभवित कर सकती हैं. यह एक ऐसी गतिविधि होती है, जो हमारी अवचेतन अवस्था में होती है इसलिए हमें इसका पता भी नहीं चल पाता.

40 मिनिट तक किटकिटाते है दांत :- कुछ लोग रात में नीद के शुरूआती एक घंटे में 40 मिनिट तक दांत किटकिटाते हैं. ऐसा करने से दाँतों की बाहरी सतह इनेमल के निकलने का खतरा रहता है और दांत टूट भी सकते हैं. ऐसे में दांत, जबड़े, कानो में दर्द हो सकता है और यहां तक की सिरदर्द भी हो सकता है. मांस-पेशियों पर लगातार दबाव पड़ने के कारण चेहरा चौकोर दिखने लगता है. वे लोग जो कि माइल्ड ब्रक्सिरज़म से प्रभवित होते हैं और शारीरिक व मानसिक तनाव के लक्षण भी दर्शाते है. यह समस्या कम उम्र के बच्चों में भी हो सकती है.

बचाव के तरीके :- * सोने से पहले तनाव मुक्त होने का प्रयास करें.  

* नाइट गार्ड आक्लूमज़ल स्पलिंट का प्रयोग करें.

* आराम से और अच्छी नीद ले और खाने में मसले का कम प्रयोग करें.

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