नींदों मे आते हो ख़्वाब बनकर

ख्यालों मे बसे ख्यालात बन कर नींदों मे आते हो ख़्वाब बनकर,,,,,, गुलिश्ता महकाते हो खुशबुओं से लेखनी मे समाते हो अल्फ़ाज़ बनकर,,,,,

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