गले के हर दर्द का इलाज है सहतूत

सहतूत दो प्रकार का होता है बड़ा सहतूत इसमें विटामिन तथा फास्फोरस होता है. सहतूत के फल गर्मी में ठंडक का अहसास करवाते है ये जंगली फल है जो न सिर्फ जंगलो में बल्कि रोड के किनारे भी पाया जाता है. सहतूत का शरबत बना कर पिने से आँखों की रौशनी बढ़ती है. यह एक स्वादिष्ट और शीतल फल होता है. जिसको खाने से प्यास कम लगती है.

सहतूत के शर्बत को एक चमच्च गर्म पानी में डाल कर गरारे करने से टांसिल ठीक हो जाते है.

इसका शरबत बनाकर पिने से बंद हुई आवाज खुल जाती है, और गला भी साफ़ होता है और गले के कई रोग भी ठीक हो जाते है.

गले में जलन होने से इसके फल को चूसने से आराम मिलता है.

गाय का एक मिलीलीटर दूध को सहतूत के पत्ते में मिलकर सुबह शाम खिलने से शरीर शक्तिशाली बनता है

50 से 100 ग्राम सहतूत की जड़ का काढ़ा पिने से कफ ठीक हो जाता है

अगर आपका दिल कमज़ोर है तो 250 मिलीलीटर इसका शरबत लेकर 240 ग्राम प्रवाल बहस मिलाकर दिन में दो बार पिने से आराम मिलता है

इसका शरबत पिने से दिल की धड़कन सामान्य रहती है

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