माँ के दर पर सब है शीश झुकाते

क्या बदमाश क्या पापी

माँ के दर पर सब है शीश झुकाते

जो भी आता है माँ के शरण में

वो झोली भरकर है जाते

शुभ नवरात्रि

 

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