नवरात्रि का पावन पर्व सभी के लिए बहुत ख़ास माना जाता है. ऐसे में इस बार शारदीय नवरात्रि चल रही है और कल इस नवरात्रि का सांतवा दिन है. ऐसे में नवरात्रि के सांतवे दिन कालरात्रि का पूजन किया जाता है. कल यानी 4 अक्टूबर को माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है और उनकी पूजा में यह आरती गाना खूब शुभ मना जाता है इस आरती को गाने से माँ सब कुछ सुन लेती हैं और सभी की मुरादें भी पूरी हो जाती हैं. कहते हैं कि माँ को खुश करने के लिए इस आरती का गाना जरुरी है. तो आइए जानते हैं वह आरती. "माँ कालरात्रि आरती" कालरात्रि जय-जय-महाकाली. काल के मुह से बचाने वाली.. दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा. महाचंडी तेरा अवतार.. पृथ्वी और आकाश पे सारा. महाकाली है तेरा पसारा.. खडग खप्पर रखने वाली. दुष्टों का लहू चखने वाली.. कलकत्ता स्थान तुम्हारा. सब जगह देखूं तेरा नजारा.. सभी देवता सब नर-नारी. गावें स्तुति सभी तुम्हारी.. रक्तदंता और अन्नपूर्णा. कृपा करे तो कोई भी दुःख ना.. ना कोई चिंता रहे बीमारी. ना कोई गम ना संकट भारी.. उस पर कभी कष्ट ना आवें. महाकाली माँ जिसे बचाबे.. तू भी भक्त प्रेम से कह. कालरात्रि माँ तेरी जय.. यहाँ देखिए आज का शुभ मुहूर्त और पंचांग नवरात्रि के पांचवे दिन करें माँ स्कन्दमाता के कवच और स्त्रोत का पाठ नवरात्र में अगर सपने में आए माता-रानी तो मिलते हैं यह संकेत