नवरात्र के चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की यह आरती

कल नवरात्र का चौथा दिन है और इस दिन मां कुष्मांडा देवी की पूजा अर्चना की जाती है. इसी के साथ इस दिन साधक का मन 'अदाहत' चक्र में अवस्थित होता है और इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए. ऐसे में पूजा अर्चना के साथ मां की आरती करके ही पूजा पूर्ण मानी जाती है और बिना आरती के माँ खुश नहीं होती है तो आइए आज जानते हैं माँ कुष्मांडा देवी की आरती.

माँ कुष्मांडा देवी की आरती -

कूष्मांडा जय जग सुखदानी.

मुझ पर दया करो महारानी..

पिगंला ज्वालामुखी निराली. शाकंबरी माँ भोली भाली..

कूष्मांडा जय जग सुखदानी...

लाखों नाम निराले तेरे . भक्त कई मतवाले तेरे..

भीमा पर्वत पर है डेरा. स्वीकारो प्रणाम ये मेरा..

कूष्मांडा जय जग सुखदानी...

सबकी सुनती हो जगदंबे. सुख पहुँचती हो माँ अंबे..

तेरे दर्शन का मैं प्यासा. पूर्ण कर दो मेरी आशा..

कूष्मांडा जय जग सुखदानी...

माँ के मन में ममता भारी. क्यों ना सुनेगी अरज हमारी..

तेरे दर पर किया है डेरा. दूर करो माँ संकट मेरा..

कूष्मांडा जय जग सुखदानी...

मेरे कारज पूरे कर दो. मेरे तुम भंडारे भर दो..

तेरा दास तुझे ही ध्याए. भक्त तेरे दर शीश झुकाए..

कूष्मांडा जय जग सुखदानी...

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