नाटो सम्मेलन में भी छाया रहा ब्रेग्जिट का मुद्दा

वारसा : शुक्रवार को नाटो का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भाग लिया। जिसमें यूरोपीय संघ से बाहर हुए ब्रिटेन से मुद्दे पर बराक ओबामा ने अपना पक्ष रखा। ओबामा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ छोडऩे पर बातचीत को मुश्किल बनाना किसी के हित में नहीं है।

सम्मेलन में यूरोपीय परिषद के प्रमुख डोनाल्ड टस्क और यूरोपीय आयोग प्रमुख ज्यां-क्लॉड जंकर से ओबामा ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ओबामा ने कहा कि लंबी खींची गई, प्रतिकूलात्मक बातचीत से किसी का हित नहीं होने वाले है। नाटो सम्मेलन में ब्रेग्जिट का मुद्दा ही छाया रहा। हांलाकि सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन संकट के बाद रूस पर ध्यान केंद्रित करने का था, लेकिन फिलहाल ईयू से ब्रिटेन के अलग होने का हैरानी भरा घटनाक्रम सभी के दिमाग में घर किया हुआ है।

सम्मेलन में 28 सदस्य देश प्रतिनिधित्व कर रहे है। ओबामा ने कहा कि ब्रेग्जिट के बाद पैदा हुए हालात के बावजूद यूरोपीय एकीकरण महत्वपूर्ण है। समूह के लोकतंत्र और शांति के साझा मूल्यों की तारीफ करते हुए ओबामा ने कहा कि हम भले ही इस क्षण कठिनाइयां महसूस कर रहे हैं लेकिन यूरोपीय एकीकरण जारी रहने की उत्कृष्ट उपलब्धियों को हम अनदेखा नहीं कर सकते। आगे ओबामा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन से भी मुलाकात करेंगे।

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