गेहूं काटने को मजबूर राष्ट्रीय खिलाड़ी

हरियाणा/कैथल : यूं तो सरकार द्वारा खिलाडियों को प्रोत्साहन देने की बड़ी बड़ी बातें की जाती है वहीं धन आदि की भी सुविधा खिलाडि़यों को मुहैया होती रहती है लेकिन कैथल के गांव मानस में रहने वाली राष्ट्रीय स्तर की चार खिलाडि़यों की स्थिति यह हो गई है कि उन्हें दूसरों के खेत में गेहूं काटकर अपना और अपने परिजनों का पेट भरना पड़ रहा है। खिलाडियों का आरोप है कि सरकार या किसी अन्य संस्था से उन्हे मदद नहीं मिल रही है और इसी कारण उन्हें मजदूरी करना पड़ रही है।
 
बताया गया है कि ये चारों खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर फुटबाॅल खेलकर नाम गौरवान्वित कर चुकी है। खिलाडि़यों ने बताया कि वे राष्ट्रीय स्तर पर फुटबाॅल खेल चुकी है वहीं समय-समय पर होने वाली प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लेती है, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये न सरकार मदद कर रही है और न ही किसी संस्था ने ही उनकी गुहार सुनी है।
 
लिहाजा मजदूरी कर अपने और अपने परिवारों का पेट भरना उनकी मजबूरी बनी हुई है। खिलाडि़यों ने बताया कि आर्थिक स्थिति से जूझने के बाद भी उन्होंने अपने खेल को छोडा नहीं है और प्रतिदिन काम करने के बाद प्रेक्टिस करने के लिये मैदान में पहुंच जाती है।

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