प्राकृतिक आपदाओं से व्यथित हुआ मोदी का मन

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशवासियों से मन की बात की। आकाशवाणी द्वारा प्रसारित होने वाली मन की बात कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यथित दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि मन की बात करने का मन नहीं हो रहा। उन्होंने देश में फसल बर्बादी, तूफान और विश्व में आने वाले भूंकप पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला चल पड़ा है। कच्छ के भूकंप को देखा है। यह आपदा कितनी भयानक होती है इसे करीब से देखा है। हिंदुस्तान आपके दुख में आपके साथ है। हम तत्काल मदद के लिए नेपाल और हिंदुस्तान में सहायता पहुंचा रहे हैं। हमारा पहला काम है रेस्क्यु आॅपरेशन। इस काम के लिए जिन्हें पहले से ट्रेंड किया गया है। उन्हें ढूंढ पाते हैं। रेस्क्यू आॅपरेशन के बाद रिलीफ का काम भी चलाना है। भारत अपनी ओर से प्रयास कर रहा है। 
इस विपदा के समय नेपाली के आंसू पोछेंगे, उनका हाथ पकड़ेंगे और उनका साथ देंगे। यमन में भारतीयों को भारी गोलीबारी के बीच जीवित निकालना एक कठिन कार्य था, यह हमने किया। आखिर मानवता की कितनी बड़ी ताकत होती है कि एक सप्ताह की बच्ची अपना जीवन बचा सके, तब मन को संतोष मिलता है। हमारी सेना धैर्य और जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रही है। यह बहुत अच्छी बात है। भारत के संस्कार बहुत पुराने हैं। उन्होंने अपनी फ्रांस यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रथम विश्वयुद्ध के स्मारक पर जाना एक कारण था। वह भारत के पराक्रम का परिचायक है और सेवा परमोधर्म का संकेत है। करीब 15 लाख सेनिकों ने इस युद्ध में अपनी जान दी। भारतीयों ने अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया। इस विश्वयुद्ध में भारत के करीब 74000 सेनिक शहीद हुए और ऐसे कई सेनिक थे जिन्हें शौर्य पदक मिले। हमारे पूर्वजों के पराक्रम के प्रति हम श्रद्धा व्यक्त करने गए थे। विश्व के कल्याण के लिए भारतीय जान की बाजी लगाने से नहीं चूकता। बाबा साहेब आंबेडकर की 125 वीं जयंती वर्ष मनाने जा रहे हैं। 
मुंबई में बाबा साहेब के लिए स्मारक बनाने के लिए जमीन सुनिश्चित की गई दूसरी ओर दिल्ली में उनकी स्मृति में एक सेंटर का निर्माण किया जाएगा। आज भी हमारे देश में कुछ परिवारों को सिर पर मैला ढोने के लिए मजबूर होना पड़ता है। बाबा साहब की स्मृति में हम यह तय करें कि इस काम को हम रोकें। बाबा साहेब आंबेडकर जीवनभर शिक्षित बनने की प्रेरणा देते थे। उनकी 125 वीं जयंती पर हम संकल्प करें कि सभी शिक्षित रहें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्व का अनुभव किया कि भारत की दो बेटियों ने भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि अपनों के पुरूषार्थ और पराक्रम को देखकर गर्व होता है। 
उन्होंने टेनिस में सानिया मिर्जा और बेडमिंटन खिलाड़ी साईना नेहवाल की सफलता पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि दोनों ही महिला खिलाडि़यों ने विश्व में नंबर एक और नंबर दो का स्थान हासिल कर देश का नाम उंचा किया है। मगर उन्होंने भारतीयों द्वारा क्रिकेट में हार पर आक्रोशित होने की बात पर आपत्ति ली। उन्होंने कहा कि क्रिकेट विश्वकप में भारत को सेमिफाईनल मैच में मिली हार पर इस तरह से आक्रोश नहीं जताना चाहिए। हार जीत तो खेल का एक हिस्सा है। क्या हम अपने मन के भावों को संतुलित रख कानून को कानून का काम करने दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज प्राकृतिक आपदाओं के कारण मेरा मन व्यथित है। भारत का किसान, गरीब छोटा व्यापारी हो कोई भी हो हम अपना मार्ग तय करते चलते जाऐंगे। जीवन में कुछ नया जानने सीखने को मिले और समय मिलने पर परिवार के साथ समय उमंग और उल्लास के साथ बीते यह कामना है।

Related News