नज़रों में अपनी बसा लोगे मुझको

खुद आगे बढ़कर बुला लोगे मुझको ' नज़रों में अपनी बसा लोगे मुझको ,

उतारकर पटक दी थी तुमने कभी '  आज फिर सीने से लगा लोगे मुझको ,

हुँ अबला नारी मैं कमजोर इक ' इसी बात पर बस डरा लोगे मुझको ,

अगर मैं न्यौछावर हो जाऊँ किसी पर '  वो दौलत नहीं जो कमा लोगे मुझको ,

किसी की चाहत में मैं जो बिखर जाऊँ ' ज़िन्दगी में अपनी सजा लोगे मुझको ,

सो जाऊँ मौत की नींद में गहरी '  क्या तुम फिर से जगा लोगे मुझको ,

बैठ जाऊँ रूठकर कभी जो मैं तुमसे ' क्या तुम वापस मना लोगे मुझको ,

अगर न पसंद मैं करूँ भी तुम्हें तो '  यकीं है कि तुम पटा लोगे मुझको ,

छोड़कर सभी को पास आऊँ मैं तुम्हारे ' क्या यकीं है कि अपना बना लोगे मुझको ,

लूटेगा ग़र जो कोई इज्ज़त मेरी तो '  क्या तुम आकर बचा लोगे मुझको ,

अगर मैं बिगड़ जाऊँ किसी शौक से तो ' ज़िन्दगी में क्या तुम धका लोगे मुझको ,

और इतना भी आसाँ नहीं तुम समझना '  कि उंगली पर अपनी नचा लोगे मुझको ,

मैं जो अड़ जाऊँ अपनी ही जिद पर ' यकीं है तुम्हें कि हरा लोगे मुझको ,

मोहब्बत में तेरी बन जाऊँगी वो धुन '  आसानी से जो तुम बजा लोगे मुझको ,

जो हो जाऊँ बदनामी तेरे इश़्क की मैं ' सोचो कि क्या फिर छुपा लोगे मुझको ,

अपने हसीं दिल में बिठा लोगे मुझको '  "अभी-अभी"अब तुम संभालोगे मुझको.....!! 

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