नैनो में स्वर्ग सी सच्चाई

नैनो में स्वर्ग सी सच्चाई और ह्रदय दूध सा धवल है  उसके लिये क्या गीत लिखु जो खुद ही एक गज़ल है. सोभाग्य है मेरा उससे बातें कर पाना फ़ितरत है मेरी उसे देखकर ठहर जाना याद है मुझे उसका हर एक तराना मेरे ह्रदय के दलदल में उसकी यादें ही तो कमल है  उसके लिये क्या गीत लिखु जो खुद ही एक गज़ल है. सोने सा पावन है मन और आँखों में झील सी गहराई है  फ़िर जैसे लगता है कि उसकी हर एक बात में सच्चाई है  यादगार रचना है वो ईश्वर की जो उसने बड़े प्यार से बनाई है उसकी बोली हर बात मेरे लिये चाँद सी नवल है उसके लिये क्या गीत लिखु जो खुद ही एक गज़ल है.

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