नहाये हुए वृक्षों की शीतल छाँव है

नहाये हुए वृक्षों की शीतल छाँव है गंगा किनारे पर बसा हुआ गाँव है  . चिड़िया चहक रही हैं हरे पेड़ों पर इंसान के मन में क्यों मनमुटाव है . धरती ने ओढ ली हरीतिमा चाँदर इंसान केे मन में तो बड़े-बड़े दाँव हैं . सुरम्य प्रक़ृति है खिली-खिली सी प्रकृति संग चहकने का नही चाव है . गदराई नदिया,पुनर्जीवित हुए झरने गंगा की जलधारा में तैर रही नाव है . नेताओ के बोल बदल रहे हैं तेजी से लग रहा जल्दी आने वाला चुनाव है . प्रकृति व मानव प्रेम में बसो 'प्रकाश' अभी दिल में मुहब्बत के लिए ठाँव है

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